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Priyabrata Mohanty

Inspirational

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Priyabrata Mohanty

Inspirational

स्मृति स्वाधीन भारत की

स्मृति स्वाधीन भारत की

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आए थे लुटेरे लूटकर भागे

देश की शांति किए थे विभ्राट,

हजारों कोशिश व्यर्थ थे उनके

हम तो प्रजातंत्र की सम्राट ।।


लहू से भीगा हमारे धरा

लाखों हो गए कुर्बान,

धन्य हमारे शूरवीर जो

झुकने ना दी मां की शान ।।


रंग रूप वर्ण भले ही अलग

हृदय में है प्रेम की आलोक,

आध्यात्मिक तत्व संबल हमारा

धार्मिक ग्रंथ पथ प्रदर्शक ।।


कण कण में है विभिन्नता

अटूट हमारे एकता,

जुबा पर आज मां की गाथा

पांव को चूमे मेरा माथा ।।


अतिथि को हम देवों की तरह 

पूजन करें दिन और रात,

अहिंसा जबकि जीवन की आधार 

भाईचारा की करते हैं बात ।।


विश्व कल्याण विचार हमारा 

ना कभी किंतु परंतु

वसुधैव कुटुंबकम,

सर्वे सुखिनः भवंतु।।


पर्व है हर्षोल्लास की,

स्मृति स्वाधीन भारत की,

श्रद्धांजलि सुर वीरों की,

गाथा अमर बलिदानों की ।।



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