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Priyabrata Mohanty

Children Stories Fantasy

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Priyabrata Mohanty

Children Stories Fantasy

नजारा

नजारा

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कलियों की सुगंध सबको है पसंद

प्राण में भरे आनंद ही आनंद,

ना कोई प्रतिबंध न है कोई द्वंद्व।

प्रकृति की है सब कुछ प्रबंध ।।


मुस्कुराता बहार  गाता हुआ भ्रमर,

देखो नजारा कितना है सुंदर,

नीला नीला सागर खिला खिला अंबर

सात सुरों में रचे हवा झंकार ।।


काला काला बादल भागे हो के पागल

भीगा गई है वसुधा की आंचल,

गाया जब कोयल धरा हुआ कायल

बिन घुंघरू भी बाजे पायल ।।


कल कल बहती  झरने में चलती 

कभी शांत फिर कभी उछलती,  

हरा भरा धरती खजानों से भर्ती

अभाव करें क्षण में आपूर्ति ।।


सूरज जब उगा जगत पूरा जगा,

अपना अपना काम पर भागा,

हंसी जब चंद्रमा बदल गई समा

प्रेम की बांसुरी गाया सारेगामा ।।



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