..... ना होता
..... ना होता
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सुदामा जैसे सखा कहां है
प्रेमी जैसी राधा,
इन दोनों के बगैर सदा
कृष्णा रहे आधा।
यशोदा जैसी माता कहां है
नंद जैसे पिता,
इन दोनों के बगैर सदा
माखन चोर रोता।
सात सुरों से गोप कि गांव में
बंसी ना बजती,
लाज शर्म सब भूलकर
गोपी ना नाचती।
गाय चराने यमुना तट पर
कन्हैया ना जाता,
काले नाग की प्राण ना जाता
बकासुर ना मरता।
राधा रानी संग कान्हा की
प्रणय ना होता,
रास रचाने वृंदावन में
कुंजबन ना होता।
धरती के ऊपर पाप की भारा
कंस ना बढ़ाता,
संहार करने पापियों की
कृष्ण खुद ना आता।