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Priyabrata Mohanty

Children Stories Tragedy Inspirational

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Priyabrata Mohanty

Children Stories Tragedy Inspirational

भाषा

भाषा

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मिश्रण की दुनिया में गिर रही भाषा,

गिर गए हैं स्तर

कविता की रचना में भाषा की गुणवत्ता

ना होती है नजर।


श्रुतिमधुर और रोचक के चक्कर में

मार दिए हैं शब्द की मर्यादा,

भूल जाते हैं फर्क पंक्ति सनजोजना में

क्या अर्थ मृत्यु क्या है मुर्दा।


भाषा तो मन की कथा अभिव्यक्ति की माध्यम है

साहित्य की जननी,

मातृभाषा की सम्मान हो तो हर रचना बन जाते हैं

मां सरस्वती की वाणी।


विभिन्नता के भीतर एकता ही

हमारे देश की शक्ति है,

भाषा को तोड़ मरोड़ कर

उपस्थापन करना अनुचित है।


भाषा से परिचय मिलता है

भाषा से ही सम्मान,

समृद्ध साहित्य सबका अभिमान 

जब होगा उसके उत्थान।


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