समाज की महिला
समाज की महिला
कौन पूछता है मुझे ..?
पता नहीं ,
फिर भी समाज के लिए खड़ी हूं मैं ...।
समाज में नारी हूं मैं ,
पुरुषों के समाज मै ,
क्या कोई पूछता है मुझे ...?
कहने को तो
में अर्धांगिनी हूं ,
फिर भी पता नहीं
ऐसे क्यों लगती है मुझे ..
क्या कोई पूछता है मुझे .....।
मेरे स्तन को पी के बढ़ने वाले बच्चे
कैसे बन जाते है राक्षस ..?
कैसे कर पाते है बलात्कार ...?
कैसे छीन लेते है किसी की इज्जत ....?
क्या सच मै कोई पूछता है मुझे ....?
पुरुष प्रधान समाज मै
कहां है मेरी स्थान ....?
आज भी सवाल है ,
आज भी सवाल है मन मै ...
कौन पूछता है मुझे ......
