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सलाम

सलाम

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चलो उनको सलाम करते हैं

भारत माँ के वीरों को प्रणाम करते हैं

जिनके दम पे दुनियां में किस्सा बयां करते हैं

चलो उनको सलाम करते हैं।


जल थल नभ शिखरों तक डग भरते हैं

पूरब से पश्चिम उत्तर से दक्षिण तक विचरण करते हैं

वो शूर वीर आकंठ धीर यौवन विस्मृत करते हैं

चलो उनको सलाम करतें हैं।


जिनके अधरों पे मुस्कान सदा, मृत्यु को जीवन देते हैं

जिनके अपने जीवन भर चौखट पे ऑंखें तकते हैं

हिम हो या तीखी बयार जो तिल भर भी नहीं झुकते हैं

चलो उनको सलाम करते हैं।


वो प्रेमी हैं, पति हैं, सोंधी सी बाबुल बयार

सखा, पिता, माता का दुलार, पुत्र वो सम्बल समान

युद्धभूमि में महाकाल

चलो उनको सलाम करते हैं।

चलो उनको सलाम करते हैं ।।


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