सिफारिश
सिफारिश
सिफारिश लोगों की कमजोरी को दर्शाती है
जमीर इजाजत न दे फिर भी इसकी लत लग ही जाती है।
इश्क की सिफारिश में लाखों बर्बाद हुए
ऑंसुओं की बारिश में अनेकों दिल तबाह हुए ।
सिफारिश की थी खुदा से मैंने मेरे महबूब को उसका इश्क मिले
महबूब तो बहुत खुश है मगर मेरे टूटे दिल को कुछ सुकून के पल मिले ।
सिफारिश करते रहे ये हमें मंजूर नहीं
लोग हमें गिरा समझे इतने भी हम कमजोर नहीं ।
सिफारिश पर नहीं हिम्मत और मेहनत पर यकीं रखते हैं
कामयाब होंगे एक दिन हम अपने हौसलों को बुलंद रखते हैं ।
सिफारिश करनी ही है तो हम अपने दिल के लिए करें
इस दिल की हिफाजत करना आओ खुदा से हम यही सिफारिश करें ।
