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Mrs. Mangla Borkar

Abstract Tragedy

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Mrs. Mangla Borkar

Abstract Tragedy

नया जमाना

नया जमाना

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मोहब्बत के अफसाने अब हो गये पुराने

कोई माने या ना माने अब गये वो जमाने

अब है जल्दी सबको नहीं हैं सब्र किसी को

अब प्यार नहीं है ऐसा हुआ करता था जैसा

न है कोई मोह माया हर रिश्ता है पराया

हैं जिनके वो दीवाने वो लोग हैं सयाने

हम लोगों की कहानी उन्हें लगती है पुरानी

कम्प्यूटरीकृत जमाना क्या कभी न होगा पुराना 

आज हैं जो ठुकराते यह क्यूँ भूल जाते

कल होगा नया जमाना फिर किस्सा वही पुराना

कल होगी नई जनरेशन तुम होगे पुराने फैशन

संभल जाओ अभी वक्त है कल का 

वक्त बड़ा सशक्त है

         


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