सीखता चल
सीखता चल
समुद्र के शोर में, शांति है , उत्तेजना है
दुनियां से हट, एक प्रेरणा है,
एक गहराई,एक विशाल ह्रदय है
मंजिल पथ अग्रसर बड़, निरंतरता है।।
सकूं दिले होता है,जब इसके तट से मिल दिल बैठा है,
कहीं कोई मुहब्बत जवां है,
कहीं कोई टूटा दिल रोता है,
कहीं खुशी का आसुं जगमगाता है
कहीं सिर्फ़ इंसान और समुद्र का नाता है।।
लहरों के उप्पर पंछी ,नाच रहे है
जहाजों पर सैनिकों का पहरा है
दूर सूरज का उगना और अस्त्त होना
जैसे दो दोस्तों का मस्तमौला हो डोलना,
एक अदभुत सौंदर्य की लालिमा
नयनों संग, रोम रोम प्रफुल्लित होना।।
एक - एक लहर से यही जाना
हिम्मत ना हार, सिर्फ़ आगे बढ़ना
इम्तिहान आते है, देते जाना,,,
जीवन मिला है एक बार,एक मिशाल बन दिखाना,
औरों से कम उम्मीदें ,अपने उपर भरोसा रखना,
मंजिल मिलेगी एक दिन, कर्तव्य पथ पर बढ़ते जाना।।
