सीखिए
सीखिए
माना कि गम है जिंदगी मे हजार,
गमों से आंख मिलाना सीखिए।
मिलता नहीं किसी को मुकम्मल जहां,
जिंदगी के हर मोड़ पर मुस्कुराना सीखिए।
अगर लिखी है जिंदगी में खाक तो,
उसी खाक से महल बनाना सीखिए।
जब छोड़ दें सभी जीतने की उम्मीदें,
तब भी जीतने के लिए अवसर बनाना सीखिए।
पता है अगर कि अब हारना निश्चित ही है,
तो अंत तक रुक कर हार को निहारना भी सीखिए।
जो जीते हैं आज, कभी ना कभी वो भी हारे होंगे।
उन हारो का विश्लेषण करके मौके बनाना सीखिए।
और कहते हैं पता नहीं क्या लिखा है जिंदगी में,
मेहनत करते रहे और मुकद्दर आजमाना सीखिए।
मुस्कुराहटों का समंदर है गम की नदी के पार ,
पहले कूद कर तैरना और डुबकी तो लगाना सीखिए।
हंसते रहे, मुस्कुराते रहे जिदगी में हमेशा क्योंकि,
असमंजस में होंगे गम,जब देखेंगे परेशानी है कम।
अगर है बारिश तो कागज की कश्तियां तैराना,
और मिट्टी की खुशबू से दिल लगाना सीखिए।
ये प्रकृति है साहब, बचना है कल तो,
आज पेड़ उगाना और उनसे जंगल बनाना सीखिए।