श्याम का दिवाना
श्याम का दिवाना
तेरे सुमिरन का नशा चढ़ा है,
श्याम तू सुमिरन करने दे।
तेरी भक्ति का दिवाना बना हूं,
पागल बनकर नाचने दे।...
संसार की मोह मायामें ड़ूबकर,
भटक भकट कर मै पटका हूं।
बुरे कर्मो की राह पे चलकर,
पाप की दुनिया में तड़पा हूं।
तेरे शरण में आया हूं मै,
तेरे आश्रय में रहने दे।
तेरी भक्ति का दिवाना बना हूं,
पागल बनकर नाचने दे।....
तू तो दया का सागर है और,
दीना नाथ दयाल है।
सकल ज़गत का रखवाला तू,
दुखियों का तारणहार है।
मेरे पापो को माफ़ करके,
अमृत भरी नज़र कर दे।
तेरी भक्ति का दिवाना बना हूं,
पागल बनकर नाचने दे।..
दास बनाले अपना मुझको,
सत्संग की महफ़िल सज़ाई है।
भक्ति के रंग में ड़ूबकर मुझको,
सांसो की सरगम गानी है ।
"मुरली" शरणो में आया हूं तेरे,
तेरी करुणा अब बहने दे।
तेरी भक्ति का दिवाना बना हूं,
पागल बनकर नाचने दे।