STORYMIRROR

Anita Sudhir

Abstract

2  

Anita Sudhir

Abstract

शुभकामनाएं

शुभकामनाएं

1 min
137

रिद्धि सिद्धि साथ ले, गणेश जी पधारिये,

ग्रंथ हाथ में धरे, विधान को विचारिये

देव हो विराजमान, आसनी बिछी हुई,

थाल है सजा हुआ कि भोग तो लगाइये


प्रार्थना कृपा निधान, कष्ट का निदान हो,

भक्ति भाव हो भरा कि ज्ञान ही प्रधान हो

मूल तत्व हो यही समाज में समानता,

हे दयानिधे! दया ,सुकर्म का बखान हो


ज्ञान दीजिए प्रभु अहं न शेष हो हिये

त्याग प्रेम रूप रत्न कर्म में भरा रहे

नाम आपका सदा विवेक से जपा करें,

आपका कृपालु हस्त शीश पे सदा रहे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract