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SIJI GOPAL

Inspirational

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SIJI GOPAL

Inspirational

शतरंज

शतरंज

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बिसात बिछी है जिन्दगी की,

एक ओर काली रात है,

और दूसरी ओर उजियारा।

टक्कर बराबरी की है,

सोच लो किस ओर है जाना।


शतरंज की बाज़ी है लगी,

ख़ुशियाँ आगे बढ़ रही हैं,

मुश्किलें भी चालें चल रही हैं।

तनाव भी है, और मस्ती भी,

दाँव पर जीवन की हर घड़ी है।


खेल हैं पर सतर्क है रहना,

हर मोड़ पर मोहरों का बसेरा,

हर राह पर शाह का हैं ख़तरा।

ख़ौफ़ को ताउम्र मात देकर,

हौंसला ही पहनेगा, जीत का सेहरा।





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