श्रीराम महिमा
श्रीराम महिमा
संसार का उद्धार करने जिसने था अवतार लिया
नाश कर के अधर्म का धर्म का प्रचार किया
चाहे जितनी विपत्ती आये उसको सहर्ष स्वीकार करो
विजय अंततः तुम्हारी होगी बस मन में ये विचार करो
जो वचन दिया है तुमने उसका तुम सम्मान करो
तोड़ उसे न तुम कभी धर्म का अपमान करो
माता पिता के छवि पर दाग कभी न आने देना
भगवान से बढ़कर हैं वो यहीं शिक्षा आगे देना
विपरीत घड़ी में भी तुम अपनी विनय धीरता न छोड़ना
सत्य की राह पर चलते रहना उससे मुँह न मोड़ना
यह सब चरित्र विशेषताएँ श्रीराम हमें सिखलाते हैं
तभी तो भगवान रूप में ब्रह्मांड में पूजे जाते हैं
मानव जीवन का आदर्श पाठ जो हमको पढ़ाते हैं
उनका यह जनमोत्स्व हम भक्त हर्ष से मनाते हैं।
