शरद की रजनी
शरद की रजनी
हिम सीकरों से भीग गई, धरती रानी।
शरद ऋतु आ गई, रात सुहानी।
लगती प्यारी चांदनी, निहारो बारंबार।
जितनी बार देखो, मनमोहक हर बार।
सोलह कलाएं लेकर, आ गया है चांद।
बालक गण, प्रमुदित भयें,करत कूदफांद।।
हिम सीकरों से भीग गई, धरती रानी।
शरद ऋतु आ गई, रात सुहानी।
लगती प्यारी चांदनी, निहारो बारंबार।
जितनी बार देखो, मनमोहक हर बार।
सोलह कलाएं लेकर, आ गया है चांद।
बालक गण, प्रमुदित भयें,करत कूदफांद।।