शपथ
शपथ
करेंगे बहुत कुछ आने वाले
वर्षों में, लिया शपथ
पर किया क्या आज हमने ?
बाँट देंगे हीरे-मोती सारे
दुनिया के गरीबों में
पर दिया क्या उन्हें आज हमने ?
लगाएंगे मरहम दिल के ज़ख्मों पर
पोछेंगे हर आँख जो हैं आंसू-भरे,
बोयेंगे बीज आशा के जहाँ होगा डर
कहेंगे हर किसी से शब्द प्यार और आनंद भरे
पर कहा क्या सबों से आज हमने ?
सहृदय, दयावान होंगे हम
नहीं करेंगे दमन निरीह प्राणियों का
पर दिखाई क्या कोई दया आज हमने ?
हर एकाकी मन, हर उदास मन
पर बिखेरेंगे फूल हंसी के
पर मुस्कुराने का अवसर भी
दिया क्या किसी को आज हमने ?
जीवन के सत्य को महिमा-मंडित करेंगे हम
मानव जाति पे निज विश्वास सुदृढ़ करेंगे हम
क्षुधातुर आत्माओं के परमात्मा से मिलन हेतु
पर मिलाया क्या किसी से
किसी को आज हमने ?
खिलते चलेंगे पुष्प आनंद के राह में
लदे रहेंगे फल संतुष्टि के हर डाल में
पर क्या रोपे हैं खुशी के बीज आज हमने ?
बसाएंगे बस्ती चाँद पे,
बनायेंगे महल निस्सीम गगन में
पर बसाया क्या प्यार-भरा संसार आज हमने ?
बहुत अच्छा लगता है सुखद
भविष्य के सपने देखना
उज्जवल कल की सुनहरी धूप की गर्माहट
का पोर-पोर में समा जाना
पर कभी क्या झाँक कर अपने अंतर् में
खंगाल कर अपनी आत्मा को
पूछा हमने अपने-आप से !
