शिक्षक
शिक्षक
गुरू का ज्ञान मिल जाए,
तो जीवन में उजाला हो।
नग अज्ञान ढल जाए गुरू का,
जब भी सहारा हो।।
गुरू नदियों की धारा हैं,
हैं वो ज्ञान की ज्योति ।
हम नन्हे दीपक हैं जो,
गुरू के आँच से जलते।
गुरू ममता की मूरत है,
वो स्नेह के हैं तरुवर।।
गुरू का ज्ञान मिल जाए,
तो जीवन में उजाला हो।
नग अज्ञान ढल जाए गुरू का,
जब भी सहारा हो।।
गुरू नदियों की धारा हैं,
हैं वो ज्ञान की ज्योति ।
हम नन्हे दीपक हैं जो,
गुरू के आँच से जलते।
गुरू ममता की मूरत है,
वो स्नेह के हैं तरुवर।।