कोरोना भगाओ,स्वदेशी संस्कार अप
कोरोना भगाओ,स्वदेशी संस्कार अप
धोऐं हाथ, साबुन से
फिटकरी से, ही नहलाएं
न कभी हाथ, मिलाना है
न अभी भीड़, लगाना है
सम्मान हो, यदि करना
हाथ को ही, जोड़ लेना
याद रखना, केवल तुम
मिलोगे भी, तुम न गले
बस हो अगर, कभी खाँसी
तो मुँह पर, रूमाल ही
तभी रख लो, छींकना हो
जब कभी भी, दोनों हाथ
रखकर नाक, तुम ढँकना
सिर दर्द हो, कभी जोरों का
साथ सीना, अगर जलता
हमेशा ही, बुखार भी
यदि रहता, साथ शरीर में
रहे जलन, समझो तभी
तुम्हें लगा, कोरोना है।