शिक्षक
शिक्षक
शिक्षक होता शीतल नीर समान।
देता हमें जीवन जीने का ज्ञान ।
कैसे? करें हम उसकी महिमा बखान।
माँ के बाद जग में दर्जा सबसे महान।
सही राह पर चलना सिखाता।
शिष्यों को लोहे से स्वर्ण बनाता।
सकारात्मक नजरिया अपनाता।
ज्ञान आभा से अस्तित्व चमकाता।
नित चहरे पर रहती मुस्कान।
शिक्षक होता शीतल नीर....।
निस्वार्थ भाव से सेवा करता।
कर्तव्यपरायणता से फ़र्ज़ निभाता।
कार्य चाहे सीधा हो या जटिल जैसा।
आदर्श छवि का इनका पेशा।
पाता जग में सदा गौरव मान।
शिक्षक होता शीतल नीर.....।
राष्ट्र निर्माता ज्ञान प्रदाता।
अंतर्मन में उजियारा लाता।
अनुशासन की अलख जगाता।
गुरु शिष्यों का भाग्य विधाता।
हृदयपट से करें उनका सम्मान।
शिक्षक होता शीतल नीर....।