शीतलता
शीतलता
हर मुसीबत का यहाँ होता हल है
गर हमारा दिमाग होता शीतल है
वही यहाँ पर पाता आम्रफल है
जिसके पास होता ठंडा जल है
वो रोते रहते सदा छल-छल है
जिनके पास होता झूठ,छल है
हर मुसीबत का यहाँ होता हल है
पर दुर्जनों का यहाँ न होता हल है
इनमें होता सर्प से ज़्यादा गरल है
जहां मिले लाठी मारो ये दलदल है
पत्थर पिघलाना उनके लिये सरल है
जो कर्म करते अविराम निश्छल है
जिनके पास जैसी संगति होती,
वो वैसा ही बन जाता कमल है
विचारों में होता बड़ा ही बल है
पत्थर भी हो जाता इससे तरल है!