शीशा बड़ा हैरान है
शीशा बड़ा हैरान है
शीशा बड़ा हैरान है,हमारी शक्ल देखकर
वो बड़ा परेशान है,हमारी शक्ल देखकर
सब चेहरे उसे अब अच्छे से दिख रहे है,
हमारे चेहरे न दिखे, खुली आंखों से देखकर
ये कैसा जादू है,शीशा हुआ आज साधू है,
शीशा हंस रहा आज हमारी अक्ल देखकर
शीशा बड़ा हैरान है,हमारी शक्ल देखकर
शीशे का रंग उड़ा है,हमारी शक्ल देखकर
जिसका जैसा चेहरा,शीशा वैसा दिखाता,
मनु का चेहरा खो गया,शीशा देखकर
शीशा परेशान है,इंसानो का छल देखकर
चेहरे अंदर कुछ,चेहरे बाहर कुछ है,
शीशा बड़ा दुःखी है,इंसानी शक्ल देखकर
शीशा बड़ा हैरान है,हमारी शक्ल देखकर
शीशा बड़ा बेजान है,इंसानी झूठ देखकर
पर यहां हर इंसान एकबार रोता जरूर है,
जादुई शीशे में अपनी सही शक्ल देखकर
तन से वो भले उसमे इंसान दिख रहा है,
पर नियत से वो उसमे जानवर लग रहा है,
शर्मिंदा है,ख़ुद की सही में शक्ल देखकर
शीशे से अब सच इंसान सीख रहा है
शक्ल के साथ भीतरी अक्ल बदल रहा है
शीशा अब वाकई में बड़ा ही खुश होगा,
इंसानों में इंसानियत के प्रचुर गुण देखकर!