शीर्षक:टीस
शीर्षक:टीस
ये टीस रही
जब जब जरूरत आपकी आयीं
तब तब साथ नहीं थे मेरे
सिर्फ में ही रही सिर्फ में
में ओर मेरी तन्हाइयां।
ये टीस रही.....
कुछ अजीब सा पल था
कुछ दुखी दुखी सा मन था
कुछ यादें तुम्हारी आई थी
कुछ पल भी साथ न आये थे
ये टीस रही....
मैं बैठी दिन भर इंतजार में
बन्द दरवाजे को देखती रही
भीगी भीगी यादें सताती रही मुझे
पर तुम न आये।
ये टीस रही....
सच यही था तुम साथ नहीं थे
सच था पर कड़वा सच
अफसोस.......
बयां हो गया आज।
दर्द और टीस....
ये टीस रही.....