परी लोक
परी लोक
जिंदगी में जब कुछ भी अच्छा नजर नहीं आता
मतलबी दुनिया में कोई सच्चा नजर नहीं आता
हर कदम पे लगते हैं मक्कारी, बेइमानी के मेले
शातिराना चेहरे में मासूम बच्चा नजर नहीं आता
सपने पूरे होने की जब उम्मीद नजर नहीं आती
तब परीलोक की आभासी दुनिया है हमें बुलाती
वे ख्वाब जो कभी पूरे ना हो सके इस दुनिया में
सपनों में कोई परी आकर झट से पूरा कर जाती
परीलोक की दुनिया सिर्फ ख्वाबों में अच्छी होती है
हर बेटी अपने मां बाप के लिए एक परी ही होती है
उसके भी कुछ सपने, अरमान ख्वाहिशें हो सकती हैं
उन्हें पूरा करने की जिम्मेदारी हम सबकी होती है।