सही पहचान
सही पहचान
जब तक न भरोगे आप हौसलों की उड़ान।
जिंदगी में तब तक मिलेगी न सही पहचान।
कर्म की अग्नि में खुद को दिन रात तपाइए।
सफलता के मंसूबे के संग हर कदम बढ़ाइए
राह ए सफ़र में रोड़े व कटीले पत्थर मिलेंगे,
उनको देख न हौसला छोड़िए, न घबराइए।
जिंदगी मानव की जो मिली है, चमकाइए।
वक्त संग कर्म का सही तालमेल बिठाइए।।
सफलता हाथ पर हाथ रखने से मिलेगी नहीं।
कदमों को फौलादी ताकत से आगे बढ़ाइए।
ख़्वाब सुनहरे अपनी पलकों पर आप सजाइए।
हकीकत में बदलने को, कोशिशों से न झिझकिए।
जब तक न भरोगे आप हौसलों की उड़ान।
जिंदगी में तब तक मिलेगी न सही पहचान।