शहीदों को नमन
शहीदों को नमन
करो शहीदों को नमन
करो शौर्य की गाथा पे फक्र
मत तोलो उनको सत्ता के गलियारों में
नहीं तुम्हें अंदाजा उन की कुर्बानियों का
उन की दिल की गहराइयों में झांको जरा
भारत माता की रक्षा हेतु डटे रहे जो चारों पहर
तुम कहते हो शौर्य उनका झूठा है
तुम कहते हो बलिदान उनका झूठा है
कर ना सके जो देश के लिए कुछ तनिक भी
नारे लगाते रहे जो पाकिस्तान जिंदाबाद के
भारत माता की आंखों के आंसू भला वो क्या पहचानेंगे।
उन्हें झोलियाँ अपनी भरनी ।
अगर फायदा अपना हो तो आतंकी को भी भाई अपना कह दे
फिर तुम कैसे भारत माता के सच्चे देशभक्तों को
ललकारते हो क्या तुम को तनिक भी लज्जा नहीं आती
क्या याद है तुमको अपने बच्चे का बचपन
अगर हां तो फिर तुम कैसे
उस मां से उम्मीद करते हो की वो जिसका बेटा शहीद हो गया हो
कैसे धीरज धरती होगी कैसे आंखों के आंसू पीतीं होगी
उस पिता से पूछो जरा जिसने बचपन से सपने देखें होंगे
अपने बेटे को बड़े अरमानों से पाला होगा
और देश सेवा के खातिर भेज दिया सीमा पर
और फिर जब कोई बेटा राखी, करवा चौथ का वादा
करके
आता तिरंगा लपेटे हुआ
सोचो स्तब्ध ये धरती मां भी होती होगी
और ये धरती और गगन भी स्तब्ध हो रोता होगा
फिर सोचो परिवार का हाल
मेरे शब्द भी मुझे रोने पे विवश कर जाते हैं।
फिर भला कैसे देश के नेता शहीदों पे राजनीति कर
जाते हैं।
कैसे उनके बलिदानों को शब्दों की ठोकर मारते हो
मत करो शहीदों का अपमान
देश सेवा के खातिर हो गये जो आसमानी
छोड़ गये अपनों को जो रोते हुए
कह गये चलते हैं अब
जय हिन्द का नारा देकर।।
मत सत्ता के गलियारों में लाओ
कुछ अगर नहीं कर सकते तुम तो
मौन रहो बस कुछ नहीं कहो
मेरे देश के शहीद की आत्मा को मत करो छलनी
मत करो छलनी
जय हिन्द शहीदों को।।
