STORYMIRROR

भावना बर्थवाल

Inspirational

4  

भावना बर्थवाल

Inspirational

शहीदों को नमन

शहीदों को नमन

2 mins
716

करो शहीदों को नमन

करो शौर्य की गाथा पे फक्र

मत तोलो  उनको सत्ता के गलियारों में

नहीं तुम्हें अंदाजा उन की कुर्बानियों का

उन की दिल की गहराइयों में झांको जरा


भारत माता की रक्षा हेतु डटे रहे जो चारों पहर

तुम कहते हो शौर्य उनका झूठा है

तुम कहते हो बलिदान उनका झूठा है

कर ना सके जो देश के लिए कुछ तनिक भी

नारे लगाते रहे जो पाकिस्तान जिंदाबाद के

भारत माता की आंखों के आंसू भला वो क्या पहचानेंगे।

उन्हें झोलियाँ अपनी भरनी ।


अगर फायदा अपना हो तो आतंकी को भी भाई अपना कह दे

फिर तुम कैसे भारत माता के सच्चे देशभक्तों को

ललकारते हो क्या तुम को तनिक भी लज्जा नहीं आती

क्या याद है तुमको अपने बच्चे का बचपन

अगर हां तो फिर तुम कैसे

उस मां से उम्मीद करते हो की वो जिसका बेटा शहीद हो गया हो

कैसे धीरज धरती होगी कैसे आंखों के आंसू पीतीं होगी

उस पिता से पूछो जरा जिसने बचपन से सपने देखें होंगे


अपने बेटे को बड़े अरमानों से पाला होगा

और देश सेवा के खातिर भेज दिया सीमा पर

और फिर जब कोई बेटा राखी, करवा चौथ का वादा 

करके

आता तिरंगा लपेटे हुआ

सोचो स्तब्ध ये धरती मां भी होती होगी

और ये धरती और गगन भी स्तब्ध हो रोता होगा

फिर सोचो परिवार का हाल

मेरे शब्द भी मुझे रोने पे विवश कर जाते हैं।

फिर भला कैसे देश के नेता शहीदों पे राजनीति कर 

जाते हैं।


कैसे उनके बलिदानों को शब्दों की ठोकर मारते हो

मत करो शहीदों का अपमान

देश सेवा के खातिर हो गये जो आसमानी

छोड़ गये अपनों को जो रोते हुए

कह गये चलते हैं अब

जय हिन्द का नारा देकर।।

मत सत्ता के गलियारों में लाओ

कुछ अगर नहीं कर सकते तुम तो

मौन रहो बस कुछ नहीं कहो

मेरे देश के शहीद की आत्मा को मत करो छलनी

मत करो छलनी

जय हिन्द शहीदों को।।


 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational