शहीदों की याद
शहीदों की याद


जब-जब शहीदों की याद आती है
मेरी तो यह आंख ही भर आती है
याद कर उनका त्याग-बलिदान
मेरे चेहरे पे आ जाता अभिमान
उनकी शहीदी अंगारों पे हंसाती है
देशप्रेम का जज्बा भीतर जगाती है
दुश्मन हो जब सामने सो गुना
साहस बताना तुम्हे सदा दुगुना
उनकी याद इतिहास बताती है
घनी अमावस मे दीप जलाती है
जब-जब शहीदों की याद आती है
मेरी तो यह आंख ही भर आती है
वो खुदीराम का फांसी पे झूलना
वो भगतसिंह का इंकलाब बोलना
वो बाते तिनके को तूफ़ां बनाती है
सोये हुए शेरों को वो जगाती है
जिंदा में कभी पकड़ में न आऊंगा,
वो आज़ाद की आज़ादी बताती है
तुम मुझे खून दो,
में तुम्हे आजादी दूंगा,
ये बोस की दिलेरी बताती है
ये आवाज मुर्दों में जान फूंक जाती है
ऐसे अनगिनत शहीदो की यादे,
हारे शरीर मे नव जोश भर जाती है
जब-जब शहीदों की याद आती है
मेरी तो यह आंख ही भर आती है।