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Madan Kumar Gankotiya

Action Inspirational

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Madan Kumar Gankotiya

Action Inspirational

शहीद की आरजू

शहीद की आरजू

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ज़ब कदम बॉर्डर पर पड़ते हैं 

मेरा सीना चौड़ा लगता है,

मेरे देश की रक्षा पहले है 

हर परिवार अपना लगता है,

ओ माई मेरी मैं देश के खातिर

अपनों का फर्ज निभा न सका 

आवाद रहे सदा देश मेरा पर 

 माँ के लिए कुछ कर न सका,

...........

तेरे दर पे मैं फिर आऊँ,

तेरे अंगना में खिल जाऊं 

मेरी फिर है जीने की आरजू,

तेरी सेवा मैं कर पाऊँ

फिर लाल तेरा मैं बन जाऊँ 

मेरी फिर है जीने की आरजू l

वो ओ............

मुझे देश का फर्ज ही याद रहा 

अपनों का फर्ज क्यों भूल गया,

सैनिक का फर्ज तो निभा दिया 

बेटे का फर्ज क्यों भूल गया,

ओ माई मेरी मैं लाल तेरा

कहना तेरा ना मान सका,

शहीद हुआ वतन के लिए पर 

बेटे का फर्ज ना जान सका,

........

तेरे दर पे मैं फिर आऊँ,

तेरे अंगना में खिल जाऊं 

मेरी फिर है जीने की आरजू,

तेरी सेवा मैं कर पाऊ

फिर लाल तेरा मैं बन जाऊँ 

मेरी फिर है जीने की आरजू,

वो ओ..............

मैं कहता रहा मेरे अपनों से,

मैं वापस एक दिन आऊंगा,

मेरे अपने दिल में बसते हैं 

मैं सबके लिए कुछ लाऊंगा,

ओ माई मेरी, है याद तेरी 

तेरे सपनों को मैं जी न सका

तूने मेरे सपने पूरे किये 

तेरे सपने पूरे कर न सका,

.........

तेरे दर पे मैं फिर आऊँ,

तेरे अंगना में खिल जाऊँ 

मेरी फिर है जीने की आरजू,

तेरी सेवा मैं कर पाऊँ

फिर लाल तेरा मैं बन जाऊँ 

मेरी फिर है जीने की आरजू l

वो ओ..........


फ़िल्म - केसरी

गाना - तेरी मिट्टी में मिल जावा


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