अच्छाई और बुराई में फर्क
अच्छाई और बुराई में फर्क
अच्छाई और बुराई में फर्क सिर्फ इतना है,
अच्छाई नजर नहीं आती, बुराई याद रख लेते हैं।
इंसान के अंदर कई गुण अच्छे होते है,
पर एक अवगुण है आलोचना सामने कर देते हैं।
अच्छाई उसकी किसी को नजर नहीं आती,
पर इंसान कदुवा है सब याद रख लेते है।
अच्छाई और बुराई में फर्क सिर्फ इतना है,
अच्छाई नजर नहीं आती बुराई याद रख लेते हैं।
अच्छाई ढूढ़ने की कोशिश कोई नहीं करता,
पर बुराई उसकी जरूर ढूंढ लेते हैं।
अच्छाई तो कोसों दूर है उनसे,
पर बुराइयाँ से पिटारा भर लेते हैं।
अच्छाई और बुराई में फर्क सिर्फ इतना है,
अच्छाई नजर नहीं आती बुराई याद रख लेते हैं।
अच्छाई- बुराई में उन्हें फर्क नहीं नजर आता,
पर अच्छाई में भी बुराई जरूर ढूंड लेते हैं।
अच्छाई तो समझ से परे हैं उनके,
अच्छाई याद नहीं रखते, बुराई याद रख लेते हैं।
अच्छाई और बुराई में फर्क सिर्फ इतना है,
अच्छाई नजर नहीं आती बुराई याद रख लेते हैं।