शेरदिल
शेरदिल
वो मर्द है कोई शिलाखंड नहीं,
सीने में उसके धड़कन है और दर्द भी।
बह जाए नयनों से अगर नीर,
इसका मतलब कमजोर नहीं जिगर।
माना कि वो शेरदिल चट्टान है,
फिर भी दिल में कुछ एहसास है।
उफनते भावनाओं का ज्वार है,
रोने का मतलब वो भी एक इंसान है।
पुरुष होने की ये तो नहीं सजा,
बेवक्त आँसुओं को पी जा।