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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Abstract Others

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

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शब्द और संसार

शब्द और संसार

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1--शब्द भाषा स्वर का का संबंध 

     --- समाज राष्ट्र--–-


अक्षर का छरण नहीं होता

अक्षर का संयोग समन्वय 

निर्मित शब्द होता।।

शब्द स्वर से संचारित 

शब्द भाव विचार से उपन्न 

शब्दों से सृजन संस्कृति संस्कार

का होता।।

शब्द संबंधों की जननी 

शब्द समाज राष्ट्र की भाषा

साहित्य होता।।

शब्दों से प्रेम शांति युद्ध

का निर्णय होता

शब्द संग्राम का आधार होता

शब्द से ईश्वर की प्रार्थना

शब्द मान अपमान का द्योतक होता।।

शब्द शत्रु को मित्र ,मित्र को 

शत्रु का वाहक संवाहक होता

शब्द प्रशंसा शब्द दोष शिकायत

प्रसंग प्रेरक प्रसंग होता।।

निःशब्द मानव गूंगा होता

शब्द श्रेय शब्द गेय शब्द तेज

शब्द निस्तेज होता।।

शब्द गीत है, शब्द मीत, शब्द

शौर्य शक्ति होता

शब्दों की भाषा विश्वबंधु का बंधन 

शब्द ईश का वंदन होता।।

शब्द करुणा, क्षमा ,मान, अपमान

शब्द गागर में सागर होता।।

शब्द मिश्री ,शब्द जहर, शब्द

सांसारिक बंधन का मंथन होता।।

शब्दों में लिखे गए ग्रंन्थ, वेद, पुराण

गीता ,बाइबिल और कुरान

शब्दों से विज्ञान ज्ञान शब्दों

से खुश करुणा निधान।।

अक्षर से शब्द, शब्दों से स्वर

स्वर से नश्वर संसार

शब्दों से भाषा, भाषा से भाव

भावना का आकर्षण होता।।


2-शब्दों की भाषा का प्रभाव---


संसार में शब्द अलग हो सकते

शब्दों के भाषा अलग अलग हो

सकती मगर भाव से अर्थ एक।


शब्दों से भाषा, भाषा संस्कृति

राष्ट्र की आत्मा पहचान

शब्दों का आकर्षण ,प्रतिकर्षण

दुनिया संसार।।

शब्द प्रेमी प्रेयसी का संवाद

प्रेम याचना का सद्भाव

शब्दों से संसार भाई चारे

का संदेश संवाद।।

शब्दों से बनता बिगड़ता परिवेश

शब्दों से मर्यादा बनती 

शब्दों से जीना मरना 

शब्दों से संवाद शब्दों से संग्राम।।


शब्दों से क्रोध प्रेम

शब्दों करुणा शब्दों से शांत

शब्दों में आग शब्दों में गर्मी

शब्दों से द्वेष द्वंद के भाव।।

शब्दों से मोम शब्दों से कठोर

बोध शब्द संसार।।

शब्दों से आकृति शब्दों

संगति ,सत्संग ,शब्दों से

दुर्गती शब्दों से सद्गति

शब्दों से संयम शब्दों

से संकल्प।।

शब्दों से भाव संचारित होता

शब्दों में विकार ,विकृति होता

शब्दों के प्रहार अस्त्र शस्त्र से

घातक होता।।

शब्दों का मरहम भर देता हर

घाव।

शब्दों से परमात्मा का आभास

शब्द गौरव गरिमा गान।

शब्द सत्य है शब्द अनर्थ

शब्द सगश्वत उपदेश, ज्ञान।।


शब्द चाटूकारिता, शब्द कुटिलता

दर्शाती भाव शब्दों से राजनीति

शब्दों से कूटनीति है शब्दों से बनता और

बिगड़ता काम।।।    


3--शब्द भाव भाषा का संसार 

     ---व्यवहार---


शब्दों में सिमटी विश्व सभ्यता

शब्दों का व्यवहार में विश्व समाज।।

शब्दों से व्याकरण शब्दों से साहित्य

शब्दों में अतीत इतिहास।।

शब्दों से वर्तमान का संचार संवाद

शब्दों से बैर भाव 

शब्द स्वर का नित्य निरंतर

प्रवाह संसार का जीवन

बोध प्रमोद प्रमाद।।


स्वर तीर तो शब्द बाण

शब्द सार शब्द जज्बा जुबान

शब्दों का मतलब ,मतलब है

व्यवहार।।

शब्द सजा शब्द पुरस्कार

शब्द धर्म शब्द अधर्म का

आधार ।।

शब्दों की भाषा से कोरा कागज

कीमती शब्दों का माया जाल 

करेंसी।।

शब्द सागर है ,शब्द घृणात

द्वेष हैं शब्दों विश्व एक है।।

शब्द द्वंद है शब्द राग है

शब्द शब्द रंग है शब्द आदि

शब्द अनंत है।।

शब्दों से समाज परिवार

राष्ट्र अस्तित्व है शब्द बोली भाषा जुबान है।।

शब्द महान है शब्द प्रपंच

शब्द पाखंड शब्द निर्विकार 

शब्द साकार है।।


शब्द अहंकार है शब्द

स्वागत सत्कार है शब्दों की बोली

भाषा संसार का भाव संचार है

शब्दों से समझौता शब्दों

से तकरार है।।

शब्दों की राजनीति संबंधों का 

समाज विश्व राष्ट्र है।।

शब्दों से अभिव्यक्ति 

शब्दों से आसक्ति शब्दों की

भाषा आरोप प्रत्यारोप

का संसार है।।


शब्दों से मिठास है शब्द नहीं ,

शब्दों की भाषा, नहीं विश्व राष्ट्र बे जुबान है।।


शब्दों जादूगर, शब्दों का

बाजीगर शब्द मूल्य ,मूल्यवान है।।

शब्द सार्थक शब्द निरर्थक

शब्दों से अज्ञान ज्ञान है।।

शब्दों से उपदेश शब्दों

की भाषा भाव का विश्व

प्रधान है।।



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