सुरशक्ति गुप्ता
Classics
कभी-कभी
अति उत्तम लिखने की
प्रेरणा हमें सांत्वना भी
नहीं दे पाती।
आत्मीय कंपन
प्यार
प्रेम संदेश
नवरात्रै
रंगोत्सव
श्रीराम
विश्व हिंदी द...
एकान्तता
सर्वश्रेष्ठ उ...
बंजर होकर पूछ रही धरती अपने बारे में....... बंजर होकर पूछ रही धरती अपने बारे में.......
और यही मेरे प्रेम की सबसे बड़ी असफलता होगी। और यही मेरे प्रेम की सबसे बड़ी असफलता होगी।
मिले अब प्रीत सुनूँ जब गीत बनूँ फिर मीत सुनो अब श्यामा। मिले अब प्रीत सुनूँ जब गीत बनूँ फिर मीत सुनो अब श्यामा।
तुम मुझे एक और तोहफा देना तुम पढ़ना वो किताब ...... तुम मुझे एक और तोहफा देना तुम पढ़ना वो किताब ......
मेरी तो जिंदगी का हर पन्ना एक खुली किताब है।। मेरी तो जिंदगी का हर पन्ना एक खुली किताब है।।
यूं ही ज़िन्दगी की राहों में टकरा जाते हैं दोस्त। यूं ही ज़िन्दगी की राहों में टकरा जाते हैं दोस्त।
ज़िंदगी जीने का भरपुर मज़ा आ जाता है, धरा पर ही स्वर्गिक सु:ख मिलने लगता है। ज़िंदगी जीने का भरपुर मज़ा आ जाता है, धरा पर ही स्वर्गिक सु:ख मिलने लगता है।
और उस विश्वास की झलक आँखों में चमकती आ रही है।। और उस विश्वास की झलक आँखों में चमकती आ रही है।।
दोनों के बीच का सफर हर लम्हे को ख़ास बनाएं। दोनों के बीच का सफर हर लम्हे को ख़ास बनाएं।
नहाए खाए संग शुरू हुआ कात्यायनी मैया का व्रत महान। नहाए खाए संग शुरू हुआ कात्यायनी मैया का व्रत महान।
इन ज़ुल्फ़ों का लहराना बड़ा बेजान सा लगता है। इन ज़ुल्फ़ों का लहराना बड़ा बेजान सा लगता है।
भूलूं मत यमराज को, यम पूजा भी आज। टाले अकाल मृत्यु को, जीवन में तब साज।। भूलूं मत यमराज को, यम पूजा भी आज। टाले अकाल मृत्यु को, जीवन में तब साज।।
इन्द्रधनुषी रंगों से सजा, इसकी हर छवि निराली है । इन्द्रधनुषी रंगों से सजा, इसकी हर छवि निराली है ।
ये बात है, अगर डरोगे, तो हर कोई डराएगा, जिस दिन सीधे खड़े हो जाओगे, सब भाग जाएंगे। ये बात है, अगर डरोगे, तो हर कोई डराएगा, जिस दिन सीधे खड़े हो जाओगे, ...
गीता में दिखाये गये मार्ग पर चलना ही पड़ेगा सबको वरना इस सफर की मंजिल पानी बहुत कठिन गीता में दिखाये गये मार्ग पर चलना ही पड़ेगा सबको वरना इस सफर की मंजिल पानी ब...
बस ख्वाहिश फिर इतनी होती, काश... ऐसा.. बार बार हो जाता। बस ख्वाहिश फिर इतनी होती, काश... ऐसा.. बार बार हो जाता।
सैलाब बनकर धधकता लावा बहा ले जायेगा अपने साथ समाज के तमाम ठेकेदारों को। सैलाब बनकर धधकता लावा बहा ले जायेगा अपने साथ समाज के तमाम ठेकेदा...
दीपों का त्यौहार खुशियों का वार जगमगाने आया सबका घर द्वार.. दीपों का त्यौहार खुशियों का वार जगमगाने आया सबका घर द्वार..
किताबों के बारे में बहुत कुछ जानना चाहता हूँ किताबों की दुनिया, मैं भी देखना चाहता हूँ किताबों के बारे में बहुत कुछ जानना चाहता हूँ किताबों की दुनिया, मैं भी देखना ...
अतीत के पन्नों का वर्तमान की किताब से तआरुफ़ कराती हैं यादें तो यादें होती हैं। अतीत के पन्नों का वर्तमान की किताब से तआरुफ़ कराती हैं यादें तो यादें होती हैं...