STORYMIRROR

Manoj Saraswat

Inspirational Others

4  

Manoj Saraswat

Inspirational Others

शायर

शायर

1 min
404

धीमी आंच में पकता है तब कहीं जाके एक शेर बनता है,

यूं ही नहीं हर कोई शायर बनता है!!

कतरा कतरा भीगता है उसका तब जाके एक

नज़्म निकलती है रूह से, यूं ही नहीं एक रचनाकार अपने शब्दों से रुला देता है,

मन दुखी हो कभी तो हास्य कवि को सुनिये वो खुद

रोता होगा अकेले में, मगर महफ़िल में तो वो तुम्हें हँस ही देता है!!

धीमी आंच में पकता है तब कहीं जा के एक शेर बनता है,

जब जब टूटे हौसला तो एक रचना पढ़िए,

एक रचनाकार तुम्हें टूटे से जोड़ ना दे तो फिर कहिये,

कीमत नहीं तुम जानते उसकी शब्दों की ताकत तुम नहीं पहचानते उसकी,

तुम आंकोगे उसे एक स्त्री या पुरुष से,

मगर वो अपनी हर नज़्म में सबको भांपता है!!

धीमी आंच में पकता है तब कहीं जा के एक शेर बनता है,

तुम्हें मज़ाक लगता होगा कि ये कैसी दुनिया है

मगर हम से पूछे तो हम यही कहेंगे कि बड़ी लाजवाब दुनिया है,

बिना रस के भी हम रस निकाल लेते है,

बेस्वाद हो ज़िन्दगी तो भी हम ज़िन्दगी में स्वाद चखा ही देते है!!

धीमी आंच में पकता है तब कहीं…........



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational