तेरी तस्वीर
तेरी तस्वीर
मेरी डायरी में आज भी तेरी तस्वीर सज रही है
समय के चक्र के साथ तस्वीर फीकी पड़ रही है,
तस्वीर का पीलापन समय की वेदना जता रहा है
अनजाने में हमारी आखिरी मुलाक़ात का समय बता रहा है,
समय के साथ तस्वीर में चेहरा फीका पड़ रहा है
लेकिन मुस्कान अभी भी चमकती है
हर याद पल मे जगा देती है व आँखों के नूर की रौशनी वैसे ही दमकती है,
फिर कभी कोई नई तस्वीर नहीं होगी
फिर कभी कोई मुस्कान नहीं होगी,
केवल यादें हैं जो अब मेरे पास है
जो मेरे जीवन का अनुपम एहसास है,
तेरी तस्वीर में हमारा दबा राज़ देख सकता हूँ
आज भी इसमें तेरा हर अंदाज़ देख सकता हूँ,
तेरी तस्वीर मे तेरी उज्जवल मुस्कान देखता हूँ
तेरी आँखों में पाक रिश्ता-ए-बयां देखता हूँ,
तेरी आँखे आज भी तेरी सलामती का इशारा कर रही है
लेकिन आज भी चिर-परिचित अंदाज़ में मुझसे किनारा कर रही है,
हरपल तेरी तस्वीर के सहारे दिल को मना लूंगा
तू नहीं मिली तो क्या तेरी तस्वीर को हमसफर बना लूंगा ।

