सहारा ना मिला
सहारा ना मिला
कभी ख्वाबों को ख्वाहिशों का सहारा ना मिला
टूटा जिद में कई बार दिल यहां
इस टूटे दिल को किसी का सहारा ना मिला
ख्वाब होते गए दूर आंखों से
कभी लौट आने का इशारा ना मिला
और जुनून भी भर रखा था अपने अंदर
मगर कभी खुद को ही आजमाने का मौका ना मिला
कई मर्तबा कोशिश की लोगों को समझाने की
मगर कभी खुद को ही समझने का मौका ना मिला
अब तो हाल ऐसा है
टूटे दिल ख्वाबों को लेकर भी चलना पड़ा
जिम्मेदारियों की राह में कभी ठहरने का मौका ना मिला
कितनी ख्वाहिशें तमन्नाएं तबाह कर दी हंसते-हंसते
कभी खुद की चोट पर भी रोने का मौका ना मिला
अब इन्हीं सारी गिलों शिकवों शिकायतों को लेकर मुस्कुरा रहे हैं
जिंदगी बस ऐसे कटती जा रही है कभी जीने का मौका ना मिला।