आजाद हिंद (75 वर्ष आजादी के)
आजाद हिंद (75 वर्ष आजादी के)
एक जंग छिड़ी थी आजादी की सन 1930 में
पर मिले सफलता 15 अगस्त सन 1947 में
मिली देश को आजादी थी कुर्बानियों की भीड़ में
था लहराया उस दिन तिरंगा लाल किले की शीर्ष में
हो हर्षित इस आजाद हिंदी के 75वें वर्षगांठ में
कुछ शब्द अपने अर्पित करती PG इस तिरंगे की शान में
आजाद मेरा हिंद हुआ है
आजाद मेरा हिंद हुआ है
मन यह हर्षित गाता है
जन गण के बोल को ये बारंबार दोहराता है
जब ये तिरंगा ऊंचे आकाश में
जब ये तिरंगा ऊंचे आकाश में
यूं बे धड़क लहराता है
मन यह हर्षित गाता है
जन गण के बोल को ये बारंबार दोहराता है
पर भुला नहीं मन ये कभी भी
पर भुला नहीं मन ये कभी भी
आजादी कितनी कुर्बानियां से आया है
मन यह हर्षित गाता है
जन गण के बोल को ये बारंबार दोहराता है
वीर वीरांगनाओं की भूमि है ये
वीर वीरांगनाओं की भूमि है ये
यहां का धूल भी चन्दन बन जाता है
मन यह हर्षित गाता है
जन गण के बोल को ये बारंबार दोहराता है
आज 75 वर्ष हुए अपनी आजादी को
75 वर्ष हुए अपनी आजादी को
75 वां वर्षगांठ मनाता है
मन यह हर्षित गाता है
जन गण के बोल को ये बारंबार दोहराता है
देश ये मेरा हिंदी महान
देश ये मेरा हिंदी महान
इसके आगे मन मेरा नतमस्तक हुआ जाता है
मन यह हर्षित गाता है
जन गण के बोल को ये बारंबार दोहराता है