STORYMIRROR

Sajida Akram

Inspirational

2  

Sajida Akram

Inspirational

शाहीन( एक परिंदा)

शाहीन( एक परिंदा)

1 min
223

तुम परवाज़ ले चुकी हो,

तुम को न कोई बाधा,

अब रोक सके है।

तुम को है आसमां को छूना,

तुम्हें सभी बाधाओं को

है तोड़ना।

तुम परवाज़ ले चुकी हो,

तुम को है इन ऊँचाइयों को,

है छूना।


तुमने दिया है उन सभी को,

झूठला।

जिसने कभी, तुम को आंका था,

कम।

तुम परवाज़ ले चुकी हो,

तुम को न कोई रोक सके

बाधा।

तुम शाहीन परिंदा हो

जो छूता है ऊंचाइयों को।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational