सगुण छंद..
सगुण छंद..
मापनी-
122 122 122 121
पिया संग पुलकित हुआ अंग-अंग ।
मिला नेह अब तो चलेगा तुरंग ।।
बनेगा वही जो बनाया उमंग ।
सुनो अब करो दूर बस तुम कुसंग ।।
मापनी-
122 122 122 121
पिया संग पुलकित हुआ अंग-अंग ।
मिला नेह अब तो चलेगा तुरंग ।।
बनेगा वही जो बनाया उमंग ।
सुनो अब करो दूर बस तुम कुसंग ।।