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Shyam Kunvar Bharti

Romance

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Shyam Kunvar Bharti

Romance

-सगरो फगुनिया |

-सगरो फगुनिया |

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आवा गोरी रंग देई तोहरो बदनीया।

देखा चढ़ल सबके सगरो फगुनिया।

रंगे केहु गाल गुलाबी

केहु रंगे बाल शराबी

रंगवा लगाला ना होई खराबी

रंगवा हउवे प्रेमवा के चाबी

बोला गोरी रंग देई तोहरो ओढ़निया,

आवा गोरी रंग देई तोहरो बदनीया।

चढ़ल केहु पर फागुन के नसा

चढ़ल केहु पर होली के नसा

चढ़ल केहु पर सजनी के नसा

महकल काहे फागुन गोरी तोहरो जवनिया,

आवा गोरी रंग देई तोहरो बदनीया।

केहु खेले होरी भर पिचकारी

गुलाल उढ़ावे केहु झोरी झारी

केहु बजावे झाल मंजीरा

केहु गावे झूमी खूब जोगिरा

मन करे रंग देई गोरी तोहरो नथुनीया,

आवा गोरी रंग देई तोहरो बदनीया।



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