सड़क सी जिंदगी
सड़क सी जिंदगी
सड़क सी जिंदगी पर
भांति भांति के लोगों सी गाड़ियाँ,
कभी सुखों की रफ्तार लिये दौड़ती,
कभी दुखों की बारिश में धीमी रफ्तार किये दौड़ती,
मुस्कान और जज्बात के ईंधन से चलती ये गाड़ियाँ,
वाह रे, सृष्टि के रचियता क्या खूब है कमाल तेरा,
तेरी रचना का 'शानी' मन करे अपने शब्दों में बखान यहां।