सच्चा कर्मयोद्धा
सच्चा कर्मयोद्धा
सुनो साथी ! ये जीवन संघर्ष ही तो है
भविष्य की चिंता नहीं चिंतन करो
पंचतत्व का बल है तुममें समाहित
अपनी रग रग में उसको बली करो
कुछ थक कर हार मान लेते हैं
कुछ सहारों की तलाश करते हैं
कुछ टूट कर बिखर जाते हैं
कुछ बेख़ौफ़ बढ़ते रहते हैं
मुश्किलों का अफ़सोस न करना
ये तो ज़िन्दगी का अबूझ हिस्सा है
अगर-मगर में क्या बंधक होना
हर सफलता से जुड़ा एक किस्सा है
जीवन में सफलता के पथ पर
होते रहना सदा दृढ़ता से अग्रसर
संघर्ष से कभी भी ना घबराना तुम
डट कर उनसे लड़ते जाना तुम
मुश्किलें किसके जीवन में नहीं आतीं
ये सच्चाई से तुमको समझना होगा
हो सबल तन और स्थिर मन तो
खुद की कोशिश नाकाम नहीं होतीं
जीवन में सफलता के पथ पर
तुम होते रहना सदा अग्रसर
हताशा को दबाकर क़दमों तले
तुम बढ़ना मज़बूती से निरंतर
संघर्ष से कभी ना घबराना तुम
डट कर उनसे लड़ जाना तुम
मंज़िल पाने के जज़्बे को
यूँ जाया नहीं होने ना देना
काँटों के पथ मिल भी जाएँ
बस कदम न कहीं लड़खड़ायें
ये राह भले आसान न होगी
पर संघर्ष के कीमत चुकता होगी
आसमाँ की लगन गर लगी है तो
ज़मीन से जुड़कर रहना होगा
करो पक्का इरादा, कर्म को बली करो
जाओ लक्ष्य साधकर, भेद लो चक्रव्यूह
इस अग्निपथ पर जान लो तुम साथी
श्रम और संघर्ष में तुमको पलना होगा
पर मेहनत के बल गर तुम जीते तो
उस जीत का फिर, क्या कहना होगा
सुनो साथी!ये जीवन संघर्ष ही तो है
भविष्य की चिंता नहीं चिंतन करो
पंचतत्व का बल है तुममें समाहित
अपनी रग रग में उसको बली करो
जब कोई बागडोर हाथ में लेकर
अपने हिसाब से बढ़ता जाता है
वही शूरवीर बलवान एक दिन
सच्चा कर्मयोद्धा कहलाता है।