"सच्चा किसान"
"सच्चा किसान"
पौ फटने के पहले जगता,
वह है सच्चा किसान।
हल बख्खर से खेती करता,
वह है सच्चा किसान।
भूखा रहकर,फसल उगाता,
वह है सच्चा किसान।
बिना थके जो परिश्रम करता,
वह है सच्चा किसान।
दुनिया को धन-धान्य से भरता,
वह है सच्चा किसान।
कठिन कर्म से भाग्य बदलता,
वह है सच्चा किसान।।
