सच
सच
तुम्हारा सच, मेरा सच,
इसका सच, उसका सच,
आज का सच, कल का सच,
बड़ा सच, छोटा सच,
चुभता सच, सहलाता सच,
खामोश सच, चिल्लाता सच,
ऐसा सच, वैसा सच,
ना जाने कैसा कैसा सच,
सच के इसी वर्गीकरण में,
इनसान की उम्र बीत जाती है,
मगर,
फिर भी सच का पता नहीं चल पाता।