सब कुछ है जीवन धन
सब कुछ है जीवन धन
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धन के खातिर
ईमान और सुख- आराम बेचा
इस धन ने अपनों से दूर कराया
मान - प्रतिष्ठा खाक हो ग ई
कानून ने अपने पंजों में जकडा
ऐसे में धन काम न आया
लगता था पैसा है सब कुछ
उसका भरोसा बेकार गया
लोक बिगडा
परलोक का न जतन हुआ
तू क्यों न समझा
छोटी सी बात
सब कुछ नहीं धन
जिंदगी के लिए।