सैनिक
सैनिक
जीत कर हर मैदान आऊंगा,
मां तेरे आंचल में लिपट जाऊंगा,
खून से अपने सींच धरा तेरी,
अमर नाम अपना कर जाऊंगा,
तिलक केसरी शीश सजाऊँगा,
बसंती चोला पहन इठलाऊंगा,
यह वीरों की जननी धरा अमर,
शत्रु रक्त शोणित तिलक लगाऊंगा,
आज रण सैनिक धर्म निभाऊंगा,
देश प्रेम रक्षा का वचन निभाऊंगा,
तिरंगा विजयी जय गाथा गाउँगा,
फिर तेरे आंचल में लिपट जाऊंगा,
देश के लिए कुर्बान कहलाऊंगा,
तेरा मस्तक हिमालय सा उठाऊंगा,
तेरी चूनर धानी रहे, होली दिवाली रहे,
बलिदान के नए गीत गुनगुनाऊंगा,
इतिहास धरा का मैं दोहराऊंगा,
घात लगाए व्याधों को मार भगाऊंगा,
तू आंखों में आए आँसू कम करना,
मेरे जाने का दुनिया से ना गम करना।