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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Romance

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Romance

सावन मन भावन

सावन मन भावन

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सावन का सुहाना मौसम ख्वाब

ख़ास से मुलाक़ात का आलम।।


साँसों ,धड़कन की तेज रफ्तार 

दिल चाहता है बयां करे हालत

हालात का आलम।।


लब थर थरा रहे जुबाँ खामोश

रिम झिम सावन की फुहारों में

नज़रों से बात का आलम।।


भीगा बदन, सांसों की गर्मी

गालों पे बारिश की बून्दे शबनम

के मोती आँखों में काजल सावन

के बादल का आलम।।


ठंडी हवा के झोंके उड़ती जुल्फों

के साये सावन की घटाओ जैसी।


चमकते चाँद के चेहरे का हिजाब

अरमानों की मल्लिका सावन की

सुराही के शराब का आलम।।


शर्माती, बलखाती नादाँ शोख

अदाओं की चमकती कड़कती

बिजली डर दर्द चमकते चाँद के

दीदार का आलम।।             


विंदास प्यासी कली, सागर

पिया से मिलने चली।

हुस्न की आबरू सागर की

चाहत की आब कभी फुहारों 

में कभी बौछारों में सावन की

आग का आलम।।


नाज़ुक कली खुशबु की खूबसूरत

फूल सावन में पवन का शोर ।

खामोश जज्बे तूफाँ दिल,

दामन में समेटे सावन में

जलते अंगार का आलम।।


ग़म, जुदाई, का सावन कहूँ

या इंतज़ार इकरार का सावन।

सोलहवा सावन कहूँ या सावन 

की सुराही ।

नशा कहूँ या खाली पैमाने मैखाने

का सावन आलम।।


मौसम का क्या बदलता रहता

ठंडी हवाओं के झोंके मौसम

सुहाना आता जाता।

दिल की मुहब्बत की सुराही का सावन 

जिंदगी का लम्हा लम्हा

जिन्दंगी में ख़ुशियों 

बहारों सावन का आलम।।



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