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Priyabrata Mohanty

Abstract

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Priyabrata Mohanty

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सावन के झूले

सावन के झूले

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झूम झूम कर आया है सावन,

झूला में झूल रहे राईमोहन !!

कृष्णकांता संग देवकीनंदन,

हर क्षेत्र लगे आज वृंदावन !!


सुर ताल से चल रही भजन,

हरि बोल से गूंज रहा गगन !!

मृदंग झांझ से हो रहा कीर्तन,

नृत्य से हर्षित हुए सारे जन !!


वेद स्तुति से जो हो रहा है पूजन,

आए हैं मेरे प्रभु राधा किशन !!

उत्सव मुखरित हुआ आंगन,

देख कर जीवन हुए पावन !!


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