साक्षरता गीत
साक्षरता गीत
बेटी:-
मेरो लिखवा दे नाम पिता, या कहैरी बेटी थारी।
पिता:-
के काढैगी पढ़-लिखकै, तू थाम ले झाड़ू-बुहारी।।
बेटी :-
कमला, बिमला स्कूल म्ह चाली, मेरो भी दे नाम लिखा।
पढ़-लिखकै विद्वान बणुूं, हो जग म्ह तेरो नाम पिता।
विद्या का प्रचार करूँ मैं, हो सारै चर्चा थारी.......(1)
पिता :-
छोड़ स्कूल का ख्याल बावली, ले ले हाथ दराती।
धन होज्यागा दुगणा अपणा, जै खेत म्ह साथ कमाती।
जमीदार तै ब्याह कर दयू, तो मिट ज्या दुविधा सारी.........(2)
बेटी :-
इंदरा सी मैं बणु साहसी, लक्ष्मी सी बलिदानी।
सीम पै जाकै लड़ूू लड़ाई, बण सच्ची हिंदुस्तानी।
देश को माथो ऊँचो करणे की, इब सै मेरी बारी.......(3)
पिता :-
ठाले बस्ता पट्टी बेटी, इब क्यूँ ला री देरी।
कहै 'भारती' बेटी नै लोगों, आँख खोल दी मेरी।
अनपढ़ का ना रह्या जमाना, या जाणै दुनिया सारी........(4)