साइकिल को पंख मिल गया
साइकिल को पंख मिल गया
साइकिल
को पंख
मिल गया...
अब उड़ सकेगी
साइकिल भी
क्योंकि
अब उसे नया पंख
मिल गया,
मीलों का सफर चुटकियों में हल हो गया!
साइकिल था
जो कल
अब एरोप्लेन हो गया!! आदमी था जो मजदूर
अब वह पायलट हो गया... देश बढ़ गया
अपना बहुत आगे...
देखो ना इंसान कितना मजबूत हो गया!
इच्छाशक्ति ने
अब वह काम
करा दिया,
एक बेटी ने
साइकिल पर बिठाकर अपने बाप को
शहर से गांव पहुंचा दिया!
सच में,
साइकिल को
पंख मिल गया!!