रूठना-मनाना
रूठना-मनाना
कभी रूठने का मौका मुझे भी दो न
हर बार तुम ही रूठ जाते हो,
करके बेक़रार मेरे दिल को
कहो न क्यों इतना सताते हो ।
कभी रूठने का मौका मुझे भी दो न
हर बार तुम ही रूठ जाते हो,
करके बेक़रार मेरे दिल को
कहो न क्यों इतना सताते हो ।