rula baithe h
rula baithe h
जाने अनजाने ही
खुद को गँवा बैठे हैं
मौत आई भी नहीं और
खुद को दफ़ना बैठे हैं
मोहब्बत क्या हुई
और क्यूँ हुई तुमसे
हम तो खुद को ही
रूला बैठे हैं।
जाने अनजाने ही
खुद को गँवा बैठे हैं
मौत आई भी नहीं और
खुद को दफ़ना बैठे हैं
मोहब्बत क्या हुई
और क्यूँ हुई तुमसे
हम तो खुद को ही
रूला बैठे हैं।